Tuesday 26 June 2007

जुलाई ब्लॉगर भेंटवार्ता - क्या आप आ रहे हैं?

जैसा कि पहले घोषित हो चुका है, 14 जुलाई 2007 को नई दिल्ली में एक बड़े स्तर की ब्लॉगर भेंटवार्ता/चिट्ठाकार सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। पूरा कार्यक्रम उक्त पोस्ट पर देखें।

स्थान आदि को लेकर कुछ बंधु संशय में हैं कि सभी लोग समा पाएँगे कि नहीं। इसलिए आप सबसे निवेदन है कि इस पोस्ट पर टिप्पणी कर अपने आगमन के बारे में निश्चित सूचना प्रदान करें। इसी आधार पर भेंटवार्ता स्थल का अंतिम चुनाव किया जाएगा।

Wednesday 6 June 2007

जुलाई ब्लॉगर भेंटवार्ता

मुझे यह सूचित करते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि जुलाई में होने वाली एक ब्लॉगर भेंटवार्ता की सूचना मैं अभी से दे रहा हूँ ताकि बंधुजनों को अपने व्यस्त जीवन में से कुछ पल निकालने में आसानी हो।

शनिवार, 14 जुलाई 2007, को दिल्ली में एक ब्लॉगर भेंटवार्ता रखी जा रही है। इसमे दो खास अतिथि ब्लॉगर होंगे; कुवैत से जीतू भाई और अहमदाबाद से इस भेंटवार्ता के लिए खास तशरीफ़ ला रहे संजय भाई। कोलकाता से प्रियंकर महोदय के भी पधारने की आशा है।

कार्यक्रम कुछ इस प्रकार है:

1) सुबह साढ़े दस बजे क्नॉट प्लेस में केवेन्टर्स(Keventor's) के सामने जनपथ पर सरवण भवन और मैक्डोनल्ड के पास और इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंप के बाजू में स्थित कैफ़े कॉफ़ी डे में सभी एकत्र हों। ग्यारह बजे तक सब वहीं होंगे।

2) तकरीबन सवा ग्यारह बजे लंच के लिए वहाँ से मद्रास होटल के पास बगल में ही स्थित सरवण भवन में जाया जाएगा। भोजन का स्थान सरवण भवन से बदल कुछ और भी हो सकता है यदि आने वाले बंधुओं का दक्षिण भारतीय खाने का मन नहीं हुआ या फिर यदि सरवण भवन में जगह नहीं मिली तो।

3) लंच के बाद(तकरीबन एक बजे) वापस कैफ़े कॉफ़ी डे में, जहाँ आराम से बैठ चाय/कॉफ़ी की चुस्कियों के साथ भेंटवार्ता आगे बढ़ाई जाएगी।

भेंटवार्ता सांय काल तक चलेगी। सांय काल संजय भाई अहमदाबाद के लिए वापस रवाना होंगे और जो लोग पालमपुर वाली यात्रा पर साथ चल रहे हैं वे अपने अड्डों पर लौट रात्रि में निकलने के लिए तैयार होंगे।

भेंटवार्ता और यात्रा संबन्धी जानकारी के अपडेट हेतु परिचर्चा में यह सूत्र है।

Tuesday 5 June 2007

ब्लॉगर यात्रा के लिए निमंत्रण

पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी जीतू भाई के भारत आने के उपलक्ष्य में दिल्ली से बाहर घूमने-फिरने का दो दिन का कार्यक्रम बनाया गया है और आप सभी आमंत्रित हैं।

स्थान के तौर पर कांगड़ा की वादियों में स्थित हिमाचल के दार्जिलिंग, पालमपुर को चुना गया है। शनिवार, 14 जुलाई 2007, की रात्रि वातानुकूलित गाड़ी द्वारा दिल्ली से निकलने का कार्यक्रम है और सोमवार, 16 जुलाई 2007(मध्यरात्रि के आसपास) दिल्ली वापसी होगी। पालमपुर के बारे में अधिक जानने के लिए आप यहाँ(अंग्रेज़ी लेख) पढ़ सकते हैं। यात्रा का कुल खर्च तकरीबन ३००० रूपए प्रति व्यक्ति आने की संभावना है।

इस यात्रा के लिए अभी तक ५ लोगों की सहमति मिल चुकी है। यदि आप भी इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं तो कृपया मुझे coolamit [at] gmail [dot] com पर संपर्क करें। यदि आपको यात्रा संबन्धी कोई शंका है तो उसके निवारण हेतु यहाँ टिप्पणी करें, यहीं पर उसके निवारण का प्रयास किया जाएगा।

यात्रा संबन्धी जानकारी के अपडेट हेतु परिचर्चा में यह सूत्र है।

अपडेट: यदि आप यात्रा पर साथ चलने के लिए अपनी कन्फर्मेशन देना चाहते हैं या यदि अपनी पहले की गई कन्फर्मेशन को रद्द करना चाहते हैं तो उस सबके लिए 23 जून 2007 आखिरी तारीख़ है। इस तारीख़ के बाद किसी की कन्फर्मेशन रद्द नहीं की जाएगी, और यदि कोई इस तारीख़ के बाद अपनी कन्फर्मेशन देता है तो उपलब्धता के अनुसार ही उस बन्धु की कन्फर्मेशन ली जाएगी। अपनी कन्फर्मेशन देने या रद्द करने के लिए कृपया उपरलिखित मेरे ईमेल पते पर संदेश भेजें।

Monday 4 June 2007

दिल्ली NCR चिठ्ठाकार-मीट की पूरी रपट

तीन जून 2007 को दिल्ली NCR ब्लागर्स मीट सम्पन्न हुई जिसमे भाग लेने वाले थे सर्वश्री अफलातून, अविनाश दास, अरुण पंगेबाज, देवेन्द्र वशिष्ठ खबरी, मोहिन्दर कुमार, रंजना भाटिया, राजीव रंजन प्रसाद, सुनील डोगरा, सुनीता शानू, पवन जी, और मैं (मैथिली गुप्त).
सबसे पहले पहुंचने वाले थे अरूण एवं अविनाश. ये तकरीब एक दो मिनट के अन्तर से या साथ साथ ही पहुंचे थे. श्री अफलातून जी को छोड़कर सभी उपस्थित ब्लागर्स निश्चित समय पर पहुंच गये थे . श्री अफलातून जी इस बैठक के लिये अपनी परिषद की गुड़गांव में हो रही कार्यकारिणी की महत्वपूर्ण बैठक से उठकर आये, इस पर भी वे बैठक के थोड़ी देर बाद ही पहुंच गये.
बैठक में यह चिन्ता जतायी गयी कि ब्लागर्स तो बढ़ रहे हैं पर ब्लागिंग के पाठक उस मात्रा में नहीं बढ़ पा रहे हैं. श्री देवेश वशिष्ठ "खबरी" ने बताया कि कैसे हिन्द युग्म अपने पाठकों की सख्यां में वृद्धि करने में सफल हो रहा है. श्री देवेन्द्र जी ने बताया कि वे ओरकुट के माध्यम से भी हिन्द युग्म में अधिकाधिक पाठक संख्यां में वृद्धि करते रहे हैं.
श्री अफलातून ने ब्लगिंग की सर्च एन्जिन फ्रेन्डलीनेस एवं टेक्नोराती के उपयोग पर अपने अनुभव बताये. उन्होंने इस समय श्री अमित गुप्ता की तकनीकी सहायता एवं उनकी अनुपस्थिति को विशेष रूप से याद किया. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे अन्य मीडिया हाउसेज जैसे पीएनएन आदि ब्लागिंग की ओर मुड़ रहे हैं . श्री अफलातून ने यह भी सुझाव दिया कि ब्लागर्स के लेखों को एकत्रित करके विभिन्न छोटे समाचारपत्रों के लिये एक सिंडीकेशन सेवा भी शुरू की जा सकती है. लेकिन वर्तमान में छोटे समाचार पत्रों की संख्या में कमी के कारण इस सुझाव की व्यवहारिकता पर और विचार करने का निश्चय किया गया.
ब्लागिंग में वर्तमान दशा एवं कविता के प्रश्न के उत्तर में श्री राजीव रंजन प्रसाद जी ने निठारी कांड पर अपनी दिल में उतर जाने वाली कविता ओजस्वी स्वर में सुनाई.
श्री मोहिन्दर जी ने हिन्द युग्म के कविता प्रतियोगिता प्रयासों से बारे में विस्तार से बताया. इसमें मोहिन्दर जी ने श्री जयप्रकाश मानस जी के सहयोग का विशेष रूप से उल्लेख किया.
श्री अविनाश जी ने हिन्दी ब्लागिंग के भविष्य को रेखांकित करते हुये कहा कि ब्लागिंग के आने के बाद लेखन पर स्थापित लेखकों का का वर्चस्व टूटा है और ब्लागर्स की सृजनात्मकता स्वीकार होने लगी है. इस पर श्री मोहिन्दर जी ने व्यक्तिगत अनुभव बताये कि पहले पत्र पत्रिकायें जिन लेखकों की रचनायें अस्वीकृत कर देतीं थीं पर ब्लागिंग के बाद ब्लागर्स के लेखन की मांग होने लगी है .
सुश्री सुनीता शानू ने इस तरह की बैठक के सुखद माहौल देखते हुये एक निश्चित अन्तराल पर करते रहने पर जोर दिया. रंजना भाटिया रंजु ने ब्लागर एवं टिप्पणियो के महत्व को रेखांकित किया . इस विषय पर श्री समीर लाल जी के ब्लागर्स को प्रोत्साहन को विशेष रूप से रेखांकित किया गया. सुश्री रंजु भाटिया ने कविता में रदीफ, काफिया और मीटर के महत्व पर भी चुटकी ली.
श्री अफलातून जी ने चिन्ता जताई के पिछले दो महीने में कुछ पुराने ब्लागर्स कुछ कम लिखने लगे हैं. इस बैठक में पुरानी साहित्यिक पत्रिकाओं यथा धर्मयुग, सारिका , दिनमान आदि के योगदान को याद किया गया. श्री अफलातून ने वरिष्ठ चिठ्ठाकार श्री सुनील दीपक जी के पिताजी द्वारा दिनमान में दिये गये योगदान के बारे में भी बताया.
श्री सुनील डोगरा जी ने नये हिन्दी ब्लागर्स को आरही दिक्कतों के बारे में प्रश्न किये. यह प्रस्तावित हुआ कि नये एवं विशेष रूप से भावी हिन्दी ब्लागर्स के लिये एक बडी़ वर्कशाप का आयोजन किया जाये जिससे हिन्दी ब्लागिंग को नये ब्लागर्स एवं बड़ी संख्या में पाठक मिल सकें. सभी सथियों ने इस विचार को कार्यरूप देने की जिम्मेदारी ली.
यह भी तय किया गया कि इस तरह की गोष्ठियां समय समय पर अन्तराल से की जायें.
इस गोष्ठी में सबसे प्रमुख बात यह रही कि ब्लागिंग की में तीखी बहस चलते रहने एवं गोष्टी में सहमति एवं असहमति के स्वरों के बाबजूद माहौल शुरू से आखिर तक एकदम दोस्ताना रहा
इसके फोटो तो आप पहले भी देख ही चुके हैं, फिर भी इन पर एक बार और नजर डाल लीजिये.
सर्वश्री अरुण जी, अफलातून जी एवं अविनाश जी


सर्वश्री राजीव रंजन प्रसाद, पवन जी, सुनीता शानू जी एवं रंजना भाटिया रंजु जी
श्री मोहिन्दर जी, सुनील डोगरा जी एवं देवेन्द्र वशिष्ठ "खबरी"

सर्वश्री सुनीता शानू जी, रंजना भाटिया जी एवं मोहिन्दर जी


सर्वश्री अविनाश जी एवं अरुण जी