Wednesday 18 July 2007

जीतू और श्रीश के साथ दिल्ली के चिट्ठाकार

चिट्ठाकार मिलन,
कनाट प्लेस, नई दिल्ली
18 जुलाई, 2007
सुबह 11 बजे से दिन ढलने तक



जगदीश भाटिया (आईना) और सुजाता (नोटपैड)



नीरज दीवान (की-बोर्ड के सिपाही)


सृजन शिल्पी और जगदीश भाटिया



श्रीश (ई-पण्डित)


अमित गुप्ता और जीतेन्द्र चौधरी-
नारद के दो कर्णधार



तुम इतना जो मुस्करा रहे हो.....

(ये तस्वीरें मोबाइल के कैमरे से ली गई हैं। इस मिलन में ली गई बेहतर तस्वीरों के लिए यहां चटका लगाइए)

15 comments:

Anonymous said...

बहुत खूब सृजन जी, इधर मीट खत्म हुई और उधर आपने फोटो भी लगा दिये।
सच में बहुत मजा आया जीतू भाई और श्रीश जी से मिलकर।

Udan Tashtari said...

बेहतरीन फोटो. अब बातचीत का ब्यौरा दिया जाये.

RC Mishra said...

चश्मे वालों की फोटो, अच्छी लगायी हैं, बिना चश्मे वालों की तरफ़ भी कुछ ध्यान दिया जाना चाहिये :)।

अनूप शुक्ल said...

सही है। बतकही विवरण् विस्तार् से दिया जाये।

mamta said...

फोटो तो अच्छी है अब विवरण की प्रतीक्षा है।

Anonymous said...

तुम इतना जो मुस्करा रहे हो.....
पूरे नारद नजर आ रहे हो......

गरिमा said...

वाह! मस्त फोटु हैं। :)

Sanjeet Tripathi said...

मस्त फोटू हैं, शुक्रिया!

ePandit said...

वाह फोटो लगा भी दिए सृजन जी, बहुत खूब। मस्त फोटुएँ आई।

पंकज बेंगाणी said...

तुम इतना जो मुस्करा रहे हो.....

"क्या राज़ है जो छुपा रहे हो?" :)

संजय बेंगाणी said...

सृजनजी फोटो मस्त आयी है, मगर विवरण का क्या?

और 14 तारिख वाली फोटोएं कहाँ है? वो भी लगाओ भई.

Unknown said...

बढ़िया फ़ोटो हैं......

Mohinder56 said...

जीतू जी १४ वाली मीट में आते,
तो कुछ और बात होती
हम भी आप से मिले पाते,
तो कुछ और बात होती

Pratik Pandey said...

बढ़िया तस्वीरें!!!

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत अच्छी फोटों है।बातचीत की जान कारी भी दे।