शिक्षा और संस्कृति की दृष्टि से वाराणसी (वरुणा और असी का संगम स्थल) भारत का एक महत्त्वपूर्ण शहर है। मेरी जानकारी के अनुसार अफलातून जी बानारस के सक्रिय हिन्दी चिट्ठाकार हैं। बनारस और उसके आस पास रहने वाले चिट्ठाकारों और सभी पाठकों से निवेदन है कि वे ९ या १० अगस्त को यदि थोड़ा समय निकाल सकें तो एक चिट्ठाकार मिलन बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय या उसके आस पास आयोजित हो सकती है।
कृपया अपने चिचारों और सुझावों से अवगत करायें।
--राम चन्द्र मिश्र
इलाहाबाद मे होने वाले आयोजन के लिये इस लिन्क पर क्लिक करें।
धन्यवाद।
4 comments:
मेरा और आपका मिलना हो जाएगा।
इलाहाबाद में होते तो जरूर चर्चा में हिस्सा लेते. मैं जानना चाहूंगा कि इलाहाबाद, बनारस या फिर आस-पास के कस्बों से कुल कितने ब्लागर लिख रहे हैं. अपनी रिपोर्ट में इस बात का कोई खाका दे सकें तो अच्छा होगा.
संजय भाई,
आपकी बात का जवाब यहाँ पर रहा। आप भी अपनी जानकारी अपने शहर के साथ भर दीजिए और दूसरों को भी प्रेरित करिए। यह डाटाबेस आगे सभी के काम आना है।
बनारस हिन्दी/संस्कृत/देवनागरी ही नहीं, समस्त ज्ञान का नाभिक है। यहाँ कोई भी सम्मेलन आयोजित होता है तो उसका प्रभाव सर्वाधिक होता है।
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